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Saturday, 23 January 2021
लखनऊ की पांच जगह जो खाने के लिए मशहूर हैं
लखनऊ के टुंडे कबाब की कहानी बीती सदी के शुरूआत से ही शुरू होती है, जब 1905 में पहली बार यहां अकबरी गेट में एक छोटी सी दुकान खोली गई।
2. पाया की नहारी
अवधी खान-पान में नहारी खाने वालों की भी बहुत संख्या है। इस पकवान के लिए चौक स्थित मुबीन और रहीम की नहारी पूरे शहर में लोकप्रिय है। नहार एक उर्दू शब्द है जिसका अर्थ है सुबह और इसीलिए यह पकवान सुबह के समय खाया जाता है। लखनवी पाया नहारी की खासियत यह है कि इसे 5-6 घंटों तक धीमी आंच पर पकाया जाता है।
3. इदरीस की बिरयानी
अगर आप मटन बिरयानी के शौकीन हैं तो आपको इस होटल में जरूर खाना चाहिए। इससे स्वादिष्ट बिरयानी आपको पूरे लखनऊ में कहीं नहीं मिलेगी। इदरीस की बिरयानी कि खासियत यह है कि इसे कोयले की आंच पर बनाया जाता है और आग का इस्तेमाल नहीं होता है। यह होटल लखनऊ के कोतवाली चौक बाजार में स्थित है।
4. मक्खन मलाई
यह मिठाई एक खास किस्म की है और अगर आप सोचें की आपको ऐसी मिठाई और किसी शहर में भी मिल जाएगी तो आप गलत हैं। जी हाँ लखनवी मक्खन मलाई आपको सुबह के समय चौक के गोलदरवाजे पर मिलेगी। यह मिठाई ठण्ड के समय में इसलिए बनाया जाता है क्योंकि मक्खन और दही को ओस में रख कर फिर उसे घंटों फेटा जाता है ताकि नमि पाकर झाग फूलने लगे। अंत में केवड़ा चीनी और इलायची का मिश्रण करके इसे तैयार किया जाता है।
5. प्रकाश की कुल्फी
स्वादिष्ट खाने के बाद कुछ मीठा खाने का मन करे तो आप अमीनाबाद स्थित प्रकाश की कुल्फी खा सकते हैं। यह खास तरह की फालूदा कुल्फी क्रीम दूध, पिस्ता, काजू, कार्न फ्लोर और केसर के मिश्रण से बनाई जाती है। 1956 में स्थापित प्रकाश कुल्फी ने अपने ग्राहकों के लिए गोमती नगर में भी एक ब्रान्च खोल दी है।